कुंभ मेला 2025 आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम.
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Kumbh Mela 2025 |
कुंभ मेला सिर्फ
एक धार्मिक आयोजन
नहीं है, बल्कि
यह एक ऐसा
मेला है जहां
लाखों लोग एक
साथ आते हैं।
यह मेला हर
12 साल में लगता
है और इसे
भारत का सबसे
बड़ा धार्मिक मेला
माना जाता है।
इस साल 2025 में
कुंभ का मेला
बहुत खास है
क्योंकि यह महाकुंभ
है, जो 144 साल
में एक बार
लगता है।
कुंभ मेले में क्या होता है?
- धार्मिक स्नान: कुंभ मेले
में लाखों लोग पवित्र
नदियों में स्नान करते
हैं। मान्यता है कि इस
स्नान से पाप धुल
जाते हैं और मोक्ष
मिलता है।
- धार्मिक अनुष्ठान: मेले में
साधु-संत और विभिन्न
धार्मिक समूह अपने-अपने
अनुष्ठान करते हैं।
- धार्मिक प्रदर्शनी: मेले में
धार्मिक ग्रंथों, मूर्तियों और अन्य धार्मिक
सामग्री की प्रदर्शनी लगाई
जाती है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: मेले में
भजन-कीर्तन, नाटक और अन्य
सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते
हैं।
कुंभ मेले का आर्थिक महत्व
कुंभ
मेला सिर्फ धार्मिक
आयोजन ही नहीं
है, बल्कि यह
एक बड़ा आर्थिक
आयोजन भी है।
इस मेले से
स्थानीय अर्थव्यवस्था को बहुत
फायदा होता है।
- रोजगार: मेले में
लाखों लोगों को रोजगार
मिलता है।
- पर्यटन: मेले में
देश-विदेश से लाखों
पर्यटक आते हैं जिससे
पर्यटन को बढ़ावा मिलता
है।
- व्यापार: मेले में
कई तरह के सामान
बिकते हैं जिससे व्यापारियों
को फायदा होता है।
- सरकार को राजस्व: सरकार को
मेले से टैक्स के
रूप में काफी पैसा
मिलता है।
कुंभ मेले की तैयारी
कुंभ
मेले की तैयारी
में सरकार बहुत
बड़ा बजट खर्च
करती है। इस
बार के कुंभ
मेले के लिए
सरकार ने 5500 करोड़
रुपये का बजट
रखा है। इस
पैसे का इस्तेमाल
मेले में सुविधाएं
जैसे पानी, बिजली,
सड़कें, शौचालय आदि बनाने
में किया जाता
है।
कुंभ मेला क्यों खास है?
कुंभ
मेला एक ऐसा
आयोजन है जो
लोगों को एक
साथ लाता है।
यह एक ऐसा
आयोजन है जहां
लोग अपनी जाति,
धर्म और रंग
को भूलकर एक
साथ आते हैं।
यह एक ऐसा
आयोजन है जो
भारत की संस्कृति
और परंपराओं को
दर्शाता है।
निष्कर्ष
कुंभ
मेला भारत का
सबसे बड़ा धार्मिक
मेला है। यह
एक ऐसा मेला
है जो आस्था,
संस्कृति और अर्थव्यवस्था
का एक अनूठा
मिश्रण है। यह
मेला न केवल
धार्मिक महत्व रखता है
बल्कि यह देश
की अर्थव्यवस्था को
भी मजबूत करता
है।
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