Delhi Assembly Election 2025.दिल्ली चुनाव 2025: क्या AAP अपनी सरकार बनाए रखेगी? एग्जिट पोल्स का संकेत
दिल्ली चुनाव 2025: क्या AAP अपनी सरकार बनाए रखेगी? एग्जिट पोल्स का संकेत
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दिल्ली चुनाव 2025: AAP या BJP? एग्जिट पोल्स में बदलाव का संकेत |
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों की घड़ी नजदीक आ रही है और एक सवाल लगातार गूंज रहा है: क्या अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) का सपना समाप्त हो गया है? एग्जिट पोल्स के अनुसार, दस में से आठ पोल्स में यह भविष्यवाणी की जा रही है कि दिल्ली के मतदाताओं ने AAP से BJP की ओर रुख किया है, जो पिछले एक दशक से दिल्ली में सत्ता में है।
एग्जिट पोल्स में बीजेपी की बढ़त
ज्यादातर एग्जिट पोल्स AAP के लिए एक बड़ा झटका बताते हैं। Matrize, जो एक विश्वसनीय पोल्स एजेंसी मानी जाती है, ने अनुमान जताया है कि AAP को सिर्फ 37 सीटें मिल सकती हैं, जो 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 35 सीटों से केवल दो अधिक हैं। हालांकि, कुछ पोल्स जैसे WeePreside और Mind Brink AAP को तीसरी बार सत्ता में आने का मौका दे रहे हैं।
इन पूर्वानुमानों के बावजूद, अधिकांश पोल्स में यह संकेत मिल रहे हैं कि वोटिंग पैटर्न में बदलाव हो सकता है, जिसमें बीजेपी को 39 सीटें मिल सकती हैं और AAP को सिर्फ 30 सीटें। कांग्रेस पार्टी को इन पोल्स में काफी हद तक अप्रासंगिक माना गया है, जिसमें उनकी सीटें एक-दो से ज्यादा नहीं हो सकतीं।
AAP का एग्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया
AAP नेताओं ने, जिनमें अरविंद केजरीवाल और पार्टी प्रवक्ता सुषील गुप्ता शामिल हैं, इन एग्जिट पोल्स को खारिज कर दिया है। गुप्ता ने पार्टी की जीत का भरोसा जताते हुए कहा कि पिछले चुनावों में भी एग्जिट पोल्स AAP के पक्ष में नहीं थे, लेकिन पार्टी ने उन सभी पूर्वानुमानों को गलत साबित किया। "हर बार एग्जिट पोल्स ने दिल्ली में AAP की सरकार बनाने की भविष्यवाणी नहीं की थी, लेकिन हम इन पूर्वानुमानों को हर बार नकारते हैं। इस बार भी हम जीतेंगे और सरकार बनाएंगे," गुप्ता ने कहा।
बीजेपी का अभियान: भ्रष्टाचार आरोपों पर ध्यान केंद्रित
बीजेपी ने AAP पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर जोरदार अभियान चलाया है। पिछले दो सालों में, AAP के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को कई भ्रष्टाचार मामलों का सामना करना पड़ा है, और सिसोदिया कुछ समय तक जेल में भी रहे। शराब नीति घोटाला और "शीश महल" आरोप (जहां केजरीवाल के सरकारी आवास को ₹33.6 करोड़ में शानदार तरीके से पुनर्निर्मित किया गया) ने AAP की छवि को नुकसान पहुँचाया है।
AAP ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और बुनियादी सुविधाओं में सुधार के लिए व्यापक समर्थन प्राप्त किया था, लेकिन आलोचकों का कहना है कि इन उपलब्धियों को भ्रष्टाचार के आरोपों से ढक लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तक कहा कि AAP की तरफ से दी जा रही बिजली और पानी की सब्सिडी को "रवड़ी" (फ्रीबीज) के रूप में देखा जाता है, जो दिल्ली के विकास पर सवाल उठाता है।
चुनौतियां और AAP की साधारण प्रचार रणनीति
बढ़ती आलोचनाओं के बीच, AAP ने इस चुनाव में अपनी पुरानी और साधारण प्रचार रणनीति को अपनाया, जैसा कि उन्होंने 2015 में किया था। यह रणनीति बीजेपी के ग्लैमरस प्रचार अभियान के मुकाबले काफी अलग थी, जिसमें बड़े नेताओं और मीडिया का भारी प्रचार था।
दिल्ली के लिए अगला कदम क्या होगा?
इस चुनाव का परिणाम शनिवार को स्पष्ट होगा, जब वोटों की गिनती शुरू होगी। क्या अरविंद केजरीवाल की AAP एग्जिट पोल्स को गलत साबित कर तीसरी बार सत्ता में आएगी? या बीजेपी दिल्ली में दो दशकों बाद सत्ता में वापसी करेगी? केवल समय ही इसका उत्तर दे पाएगा।
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