Govt Injects ₹6,000 Crore for BSNL’s 4G Rollout .सरकार ने BSNL की 4G सेवा के लिए ₹6,000 करोड़ दिए – क्या यह Jio और Airtel को टक्कर दे पाएगा?
सरकार ने BSNL की 4G सेवा के लिए ₹6,000 करोड़ दिए – क्या यह Jio और Airtel को टक्कर दे पाएगा?
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BSNL को ₹6,000 करोड़ की मदद – क्या यह Jio-Airtel को टक्कर देगा |
BSNL को इस वित्तीय सहायता की जरूरत क्यों है?
दूरसंचार विभाग (DoT) जल्द ही इस पूंजी निवेश के लिए कैबिनेट की मंजूरी ले सकता है। यह राशि BSNL की 4G नेटवर्क उपकरणों से जुड़ी पूंजीगत खर्च की कमी को पूरा करने के लिए दी जाएगी।
BSNL ने पहले 1 लाख 4G साइट्स लगाने के लिए ₹19,000 करोड़ का ऑर्डर दिया था। हालांकि, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और आईटीआई लिमिटेड के साथ बातचीत के बाद, अंतिम लागत ₹13,000 करोड़ पर तय की गई, जिससे ₹6,000 करोड़ का वित्तीय अंतर रह गया। अब सरकार इस राशि को पूरा करने का प्रयास कर रही है ताकि BSNL की 4G सेवाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जा सके।
BSNL को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार के लगातार प्रयास
2019 से अब तक, भारत सरकार ने BSNL और MNTL के पुनरुद्धार के लिए लगभग ₹3.22 लाख करोड़ का निवेश किया है। इस राशि का उपयोग नेटवर्क विस्तार, आधुनिकीकरण और परिचालन सुधारों के लिए किया गया है। इसके बावजूद, BSNL की बाज़ार में हिस्सेदारी लगातार घट रही है:
- दिसंबर 2020: BSNL की बाज़ार हिस्सेदारी 10.72% थी
- जून 2024: BSNL की बाज़ार हिस्सेदारी घटकर 7.33% रह गई
वहीं, जियो और एयरटेल जैसी निजी टेलीकॉम कंपनियां तेज़ी से अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा और भी कड़ी हो गई है।
BSNL की 4G सेवाओं में देरी के पीछे क्या कारण हैं?
BSNL की 4G सेवाओं में देरी का मुख्य कारण सरकार द्वारा स्वदेशी तकनीक (CDoT-TCS कंसोर्टियम द्वारा विकसित) का उपयोग अनिवार्य करना है। यह कदम 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत उठाया गया था, लेकिन इस तकनीकी ढांचे के विस्तृत परीक्षणों के कारण सेवाओं के लॉन्च में बार-बार देरी हो रही है।
इसके अलावा, BSNL के भीतर आंतरिक विरोध, सरकारी प्रक्रियाओं में जटिलता और धीमी निर्णय-प्रक्रिया भी इसकी 4G सेवाओं की लॉन्चिंग में बाधा बन रही है।
क्या BSNL का भविष्य सुरक्षित है?
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को BSNL की दीर्घकालिक रणनीतिक भूमिका को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना चाहिए। टेलीकॉम विश्लेषक और Com First (India) के निदेशक महेश उप्पल का कहना है:
"अगर BSNL को रणनीतिक कारणों से बनाए रखना है, तो इसकी तकनीकी तैयारी प्राथमिकता होनी चाहिए। केवल धनराशि निवेश करके इसे चलाना कोई दीर्घकालिक समाधान नहीं हो सकता।"
इस नई वित्तीय सहायता के साथ, BSNL के पास अपनी 4G सेवाओं को तेज़ी से शुरू करने और भविष्य में 5G की तैयारी करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि यह निवेश BSNL को प्रतिस्पर्धी बना पाएगा या फिर यह केवल एक अस्थायी राहत साबित होगी।
आपकी क्या राय है?
क्या BSNL जियो और एयरटेल की बराबरी कर पाएगा या फिर बहुत देर हो चुकी है? अपनी राय नीचे कमेंट में साझा करें।
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