The Mystery of Ratan Tata's ₹500 Crore Wealth.रतन टाटा की 500 करोड़ की संपत्ति का रहस्य: कौन हैं मोहीनी मोहन दत्ता?
रतन टाटा की 500 करोड़ की संपत्ति का रहस्य: कौन हैं मोहीनी मोहन दत्ता?
भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया।उनके जाने के बाद उनकी वसीयत (Will) सार्वजनिक हुई, जिसने सभी को चौंका दिया। इसमें एक अनजान नाम सामने आया—मोहीनी मोहन दत्ता, जिन्हें 500 करोड़ रुपये की संपत्ति मिल सकती है।
कौन हैं मोहीनी मोहन दत्ता?
मोहीनी मोहन दत्ता एक सफल व्यवसायी हैं और जमशेदपुर में रहते हैं। उनका नाम पहली बार रतन टाटा की वसीयत में सामने आया, जिससे लोग उनकी पहचान के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो गए।
मोहीनी मोहन दत्ता के बारे में:
- वह
"स्टैलियन"
कंपनी के सह-संस्थापक
थे, जो बाद में
टाटा सर्विसेज का हिस्सा बन
गई।
- स्टैलियन
में उनकी 80% हिस्सेदारी थी, जबकि टाटा इंडस्ट्रीज के पास 20% हिस्सेदारी थी।
- 2024 में मुंबई के NCPA में रतन टाटा की जयंती समारोह
में आमंत्रित थे।
- उनकी
बेटी 2015 से 2024 तक टाटा ग्रुप में काम कर चुकी हैं।
रतन टाटा और मोहीनी मोहन दत्ता का रिश्ता
रतन टाटा के अंतिम संस्कार के दौरान, मोहीनी मोहन दत्ता ने खुलासा किया कि उनकी पहली मुलाकात रतन टाटा से 24 साल की उम्र में जमशेदपुर में हुई थी।
मोहीनी मोहन दत्ता का बयान:
"उन्होंने मेरी बहुत मदद की और मुझे आगे बढ़ने का मौका दिया।"
टाटा ग्रुप के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मोहीनी मोहन दत्ता लगभग 60 सालों तक रतन टाटा के संपर्क में रहे। हालांकि, वह टाटा परिवार के आधिकारिक सदस्य नहीं थे, इसलिए उनकी वसीयत में नाम आना आश्चर्यजनक है।
रतन टाटा की वसीयत में क्या है?
रतन टाटा की वसीयत उनके निधन के दो हफ्ते बाद सार्वजनिक हुई। इसमें संपत्ति कई लोगों में बांटी गई:
वसीयत के अनुसार संपत्ति किसे मिलेगी?
- उनके
भाई
और सौतेली बहनें
- उनके
घर के पुराने कर्मचारी
- उनके
निजी
सहायक
शांतनु
नायडू
- उनके
पालतू
कुत्ते
"टीटो"
की आजीवन देखभाल के लिए विशेष प्रावधान
- उनकी
टाटा
सन्स
की हिस्सेदारी "रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट" को दी गई
रतन टाटा की संपत्तियां:
- अलीबाग
में
बीचफ्रंट
बंगला
- मुंबई
के जुहू में दो मंजिला घर
- 350 करोड़ रुपये से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि
क्या मोहीनी मोहन दत्ता को संपत्ति मिलेगी?
हालांकि, वसीयत में मोहीनी मोहन दत्ता का नाम है, लेकिन संपत्ति तभी दी जाएगी जब हाईकोर्ट इसे प्रमाणित करेगा। यह प्रक्रिया कम से कम 6 महीने तक चल सकती है।
टाटा ग्रुप के करीबी सूत्रों का कहना है कि रतन टाटा ने पूरी सावधानी से अपनी वसीयत तैयार की थी, इसलिए इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ की संभावना नहीं दिखती।
निष्कर्ष:
रतन टाटा की वसीयत में मोहीनी मोहन दत्ता का नाम शामिल होना यह दर्शाता है कि उनका और टाटा ग्रुप का गहरा संबंध था। अब यह देखना होगा कि कानूनी प्रक्रिया के बाद उन्हें संपत्ति मिलती है या नहीं।
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